Friday 10 November 2017

गोलू – मोलू के हंसी के फव्वारे (सीरीज़ – 21)


गोलू – मोलू के हंसी के फव्वारे -85
गोलू: मैंने जामुन के पेड़ के नीचे गुलाब का पेड़ लगाया है… ताकी दोनो पेड़ मिलकर.... मुझे गुलाबजामुन दे सके!

गोलू – मोलू के हंसी के फव्वारे -86
गोलू: कुछ तो बात है 8 नवम्बर में...  पिछले साल 8 नवम्बर को नोट बंद हुये थे, इस साल तो हद ही हो गई सांस ही बंद होने को है।
गोलू – मोलू के हंसी के फव्वारे -87
गोलू: कुछ लोग रेस्टोरेंट में खाने के बाद सौंफ पर ऐसे टूटते हैं…
मोलू: कैसे?
गोलू: जैसे की बिल के सारे पैसे सौंफ  खा कर ही वसूलने है ।
गोलू – मोलू  के हंसी के फव्वारे -88
गोलू: मैंने मौलवी साहब से पूछा गया की तीन बार तलाक केहने के पीछे क्या लॉजिक है?
मौलवी साहब ने कहा - अमा लॉजिक-वाजिक कुछ नही है… औरत एक बार में सुनती कहाँ है!
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