Monday 6 November 2017

गोलू – मोलू के हंसी के फव्वारे (सीरीज़ – 13)



गोलू – मोलू  के हंसी के फव्वारे -53

गोलू: मैंने ज़िन्दगी में जितना भी सफर किया है, उससे मुझे एक बात का अनुभव हुआ है?

मोलू: क्या?

गोलू: कि ट्रेन कभी पंचर नहीं होती।



गोलू – मोलू  के हंसी के फव्वारे -54

गोलू: कितना रोया था मैं महबूबा को मोबाइल गिफ्ट करके...

मोलू: क्यों?

गोलू: जब रात 3 बजे तक मैं सुनता रहा.. आप के द्वारा डायल नम्बर दूसरी लाइन पर व्यस्त है।



गोलू – मोलू  के हंसी के फव्वारे -55

पापा: बेटा, आज तेरी मम्मी इतनी चुप-चुप क्यों बैठी है?

गोलू: मेरी गलती से

पापा :  नालायक, ऐसा क्या किया तूने ?

गोलू: मम्मी ने लिपस्टिक मांगी थीमैंने गलती सेफेवीकिक दे दी !!!

पापा: जुग-जुग जियो मेरे लाल… भगवान ऐसा बेटा सबको दे।



गोलू – मोलू  के हंसी के फव्वारे -56

एक चोर - चोरी कर के, घर से जा ही रहा था की..... गोलू की आँख खुल गयी...

गोलू: स्कूल बैग भी ले जा कमीनें, वरना शोर मचा दूँगा


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