गोलू – मोलू के हंसी के फव्वारे -53
गोलू:
मैंने ज़िन्दगी में जितना भी सफर किया
है, उससे मुझे एक बात
का अनुभव हुआ है?
मोलू:
क्या?
गोलू:
कि ट्रेन कभी पंचर नहीं होती।
गोलू – मोलू के हंसी के फव्वारे -54
गोलू:
कितना रोया था मैं
महबूबा को मोबाइल गिफ्ट करके...
मोलू:
क्यों?
गोलू:
जब रात 3 बजे तक मैं सुनता
रहा.. आप के द्वारा
डायल नम्बर दूसरी लाइन पर व्यस्त
है।
गोलू – मोलू के हंसी के फव्वारे -55
पापा: बेटा, आज तेरी मम्मी
इतनी चुप-चुप क्यों बैठी है?
गोलू:
मेरी गलती से
पापा
: नालायक, ऐसा क्या किया तूने ?
गोलू:
मम्मी ने लिपस्टिक मांगी थी … मैंने
गलती से ‘फेवीकिक दे दी !!!
पापा: जुग-जुग जियो मेरे लाल…
भगवान ऐसा बेटा सबको दे।
गोलू – मोलू के हंसी के फव्वारे -56
एक चोर - चोरी कर के, घर से
जा ही रहा था की..... गोलू की आँख खुल गयी...
गोलू: स्कूल
बैग भी ले जा
कमीनें, वरना शोर मचा दूँगा…
नोट:
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