इस संसार में शनि देव को न्याय के देवता के रूप में जाना जाता है। कहा भी जाता है की शनिदेव सभी प्राणियों को उनके अच्छे और बुरे कर्मो के आधार पर आशीर्वाद और दंड देते हैं। इस समय १६ दिसंबर से १४ जनवरी तक का समय युति काल के रूप में है। इसे अस्तकाल भी कहा जाता है।
इस अस्तकाल के दौरान शनि का प्रकोप सभी प्राणियों पर होगा। परन्तु इस प्रकोप से कुछ राशियां बची रहेंगी। ये राशियां है वृष, कन्या, वृश्चिक, धनु तथा मकर। इन राशियों पर शनिदेव के कोप का असर नहीं के बराबर होगा।
हम आपको कुछ उपाय भी बताने जा रहें है जिनको करने से शनि देव के कुप्रभाव को कुछ हद तक काम भी किया जा सकता है। सबसे पहले तो आप पूरे एक माह तक पूजा के दौरान सरसो या तिल के तेल का दीपक जलाएं। अगर सुबह शाम दोनों वक़्त जलाएंगे तो ये ज्यादा अच्छा रहेगा।
दूसरा उपाय ये है की आप जल में काले तिल मिला कर के सूर्य भगवान् को रोज अर्ध्य दें। आप शिवलिंग पर भी जलाभिषेक कर सकते हैं। तीसरा उपाए ये है कि आप अपने घर आये साधू को लोहे का तवा दे सकते हैं साथ ही अगर कोई गरीब मजदूर हो तो उसे कुछ मिष्ठान भेंट कर सकते हैं। इन उपायों को करने से आप पर अस्तकाल के दौरान शनि देव के कुप्रभाव का असर कम हो जायेगा।
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नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। अपने आप पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत प्रमाणित ट्रेनर या अन्य पेशेवर से परामर्श कर सलाह लीजिये।
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