Saturday 16 December 2017

कैसे लोगों को लगवाई जाती है इंटरनेट की लत

इंटरनेट आज के समय की बहुत बहुत बड़ी जरूरत भी है और एक तरह का नशा भी भी है। एक अनुमान के मुताबिक 79% युवा सुबह उठ कर पहले 15 मिनट्स के अंदर अपने स्मार्ट फ़ोन पर आये मेसेजस, ईमेल और अन्य नोटिफिकेशन चेक करते हैं।
एक शोध में ये बात सामने आयी है की एक साल में कम से कम औसतन एक व्यक्ति 4000 हज़ार बार अपने स्मार्टफोन को अनलॉक करता है ये जानने के लिए की उनके फ़ोन में कोई नोटिफिकेशन या मेसेजस तो नहीं आये।
आज हम बात करने जा रहें हैं की आखिर कैसे आज की युवा पीढ़ी इंटरनेट के नशे की लत लग रही है साथ ही वो इसके गुलाम बनती जा रहें है। दरअसल बड़ी बड़ी कम्पनियां एक योजना अनुसार आप के दिमाग पर कब्ज़ा करती है जिसके द्वारा आप उनके प्रोडक्ट या सर्विसेज के आदि बन जाते है। ये योजना हुक मॉडल पर आधारित होती है। इस में 4 फेज होते है।

पहले फेज को ट्रिगर कहते हैं ये आपके दिमाग को उनके प्रोडक्ट को खरीदने के लिए उकसाता है। जैसे की किसी कंपनी का विज्ञापन आदि। ये एक तरह के रिमाइंडर की तरह होता है। इस के बाद आता है एक्शन। इसके द्वारा लोगो को अपने प्रोडक्ट की आदत लगवाई जाती है। इस में प्रोडक्ट को सामान्य रखते हुए ख़ास बनाया जाता है।
इसके बाद आता है रिवॉर्ड। कंपनी आपको अपने साथ जोड़े रखना चाहती है। इसके लिए वो आपको कोई रिवॉर्ड या गिफ्ट भी देती है। कई कंपनियां इसके लिए लॉयल्टी प्रोग्राम भी चलती है। जैसे की इतने के रिचार्ज पर इतने जी.बी. एक्स्ट्रा डाटा आदि। इसमें सबसे आखिर में आता है इन्वेस्टमेंट। ये इन्वेस्टमेंट पैसे का नहीं बल्कि टाइम का होता है। जब हम किसी कंपनी का कोई इंटरनेट प्लान या प्रोडक्ट खरीदते हैं तो हम ज्यादातर काफी सोच समझ कर लेते हैं। इसके लिए हम अपना समय और ऊर्जा लगाते हैं। और हम बार बार अपना समय भी बर्बाद नहीं करना देना चाहते। कंपनियां इस बात को अच्छे से समझती है। और इसका फायदा उठाती है।
ये पूरा सिस्टम सिर्फ एक प्रोडक्ट या ग्रहत तक ही सिमित नहीं रहता। बल्कि ये हर समाज हर वर्ग और हर तरह के प्रोडक्ट और सर्विसेज के लिए काम करता है। ग्राहक के नज़रिये से देखा जाये तो वास्तु या सेवा उपयोग करने के लिए होती है न की उसका आदि और गुलाम बनने के लिए।
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नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। अपने आप पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत प्रमाणित ट्रेनर या अन्य पेशेवर से परामर्श कर सलाह लीजिये

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