Wednesday, 13 December 2017

कैसे करें असली और नकली लेदर में फर्क

आजकल सर्दियों का सीजन चल रहा है। और ऐसे में हम सभी अपने लिए तरह - तरह के कपड़े खरीदते है जैसे की जैकेट, जूते, टोपी, हाथों के दस्ताने (ग्लव्स) इत्यादि। सर्दियों में हम लेदर (चमड़े) का भी काफी सामान खरीदते हैं। परन्तु असली लेदर की पहचान न होने की वजह से कभी कभी ठगे भी जाते हैं। आज हम आपको बताने जा रहें हैं की कैसे आप असली और नकली लेदर में फर्क कर सकते हैं।
असली लेदर हमेशा मुड़ने की जगह (एड्जेस) जैसे कालर, कफ़ आदि से हल्का रफ़ होगा जबकि नकली लेदर मुड़ी हुई जगह पर एकदम फिनिशिंग के साथ होगा।

असली लेदर को उँगलियों से दबाने के उपरान्त कुछ झुर्रियां (रिंकल्स) पड़ जाते हैं जबकि नकली लेदर वापस पहले जैसा हो जाता है।
असली लेदर को मोड़ने पर उसका रंग हल्का सा बदल जाता है जबकि नकली लेदर को कितना भी मोड़ने पर रंग नहीं बदलता।
असली लेदर को सूंघने पर उसमे से कोई भी गंध (स्मेल) नहीं आती जबकि नकली लेदर में से केमिकल की गंध आती है।
अगर हम असली लेदर पर पानी डालें तो वो पानी को सोख लेता है जबकि नकली लेदर बिलकुल भी पानी नहीं सोख्ता है।
असली लेदर के ऊपर हलके हलके दाने (ग्रेन्स) दिखाई देते हैं जबकि नकली लेदर बिलकुल चिकना और साफ़ होता है।
असली लेदर बहुत महंगी भी होती है जबकि नकली लेदर और उसके बने प्रोडक्ट बड़े सस्ते में मिल जाते हैं।
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नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। अपने आप पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत प्रमाणित ट्रेनर या अन्य पेशेवर से परामर्श कर सलाह लीजिये

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