Saturday, 16 December 2017

पूजाघर में रखें शंख मिलेंगे ये चमत्कारिक लाभ


पौराणिक काल से ही हिन्दू धर्म में पूजा में शंख का प्रयोग किया जाता है। विष्णु पुराण के अनुसार शंख को लक्ष्मी जी के भ्राता के रूप में बताया गया है। शंख समुन्द्र मंथन के दौरान प्राप्त 14 रत्नों में से एक है। माना जाता है की शंख के अग्र भाग में गंगा जमुना, मध्य भाग में वरुण देव और पिछले भाग में ब्रह्मा जी का वास होता है।
शंख घोष को विजय का प्रतीक माना जाता है। शंख तीन प्रकार के होते है। वामावर्ती, दक्षिणावर्ती और मध्यवर्ती। दक्षिणावर्ती शंख शुभफलदायक होता है। इसका उपयोग पूजा पाठ इत्यादि में किया जाता है। शंख बजने से व्यक्ति के हृदय की मासपेशियां मजबूत होती है। स्मरण शक्ति बढ़ती है। श्वास सम्बन्धी रोगों से मुक्ति मिलती है। अध्यन कक्ष में शंख रखने से ज्ञान की प्राप्ति होती है।


माना जाता है की शंख ध्वनि से रोगाणुओं का नाश होता है। इसलिए जहाँ तक शंख की ध्वनि पहुँचती है वहां तक के रोगाणुओं का नाश हो जाता है। प्रातः और सायंकाल में घर पर शंख बजाने से घर का वातु दोष दूर हो जाता है। घर में शंख बजने से सकारात्मक ऊर्जा आती है।
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नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। अपने आप पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत प्रमाणित ट्रेनर या अन्य पेशेवर से परामर्श कर सलाह लीजिये

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