Saturday, 6 January 2018

ज्योतिष: किस रत्न को कौन सी धातु में पहनते है

हिन्दू धर्म में लोग रत्न धारण करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्नों में इतनी शक्ति होती है की वो किसी की भी किस्मत पलट सकते हैं। आपकी बड़ी से बड़ी तकलीफ या समस्या का निवारण इन रत्नो के माध्यम से हो सकता है। परन्तु कई बार लोग इन रत्नो को धारण तो कर लेते हैं पर गलत धातु में। जिसके कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
गलत धातु में रत्न धारण करने से इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है तथा साथ ही व्यक्ति के जीवन में विपरीत प्रभाव भी पड़ते है। आज हम आपको ये बताने जा रहें हैं की किस रत्न को कौन सी धातु में पहनना चाहिए। वैसे भी हर व्यक्ति के लिए अलग रत्न होता है। रत्न धारण करना या न करना व्यक्ति पर निर्भर करता है।


ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रत्नो में इतनी शक्ति होती है की वो किसी भी व्यक्ति के ग्रहों की चाल अनुपूरक बना दे। कोई भी रत्न अपनी मर्जी से धारण नहीं करना चाहिए। रत्न किसी ज्योतिष की सलाह पर कुंडली और वजन के अनुसार ही धारण करने चाहिए। साथ ही ग़ुस्सा शांत करने के लिए चांदी का छल्ला पहना जाता है। इसीलिए मोती को चांदी में पहना जाता है।
लहसुनिया और गोमेद अष्टधातु में। पुखराज और मूंगा सोने में पहना जाता है। रूबी को सोने या ताम्बे में पहना जाता है। ओपल चांदी में। अगर नीलम धारण करें तो उसे सोने या प्लैटिनम में पहनना चाहिए।
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नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। अपने आप पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत प्रमाणित ट्रेनर या अन्य पेशेवर से परामर्श कर सलाह लीजिये

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