Thursday 25 January 2018

भारत के नागरिकों को संविधान द्वारा प्राप्त मौलिक अधिकार

भारत के नागरिकों को भारत के संविधान द्वारा कुछ मौलिक अधिकार दिए गए है। ये अधिकार कोई भी व्यक्ति फिर चाहे वो किसी भी धर्म, जाति अथवा लिंग का हो बशर्त है की वो भारतीय होना चाहिए। तो आइये जानते है इन मौलिक अधिकारों के बारें में।
राइट फॉर फ्रीडम
राइट फॉर फ्रीडम या स्वतंत्रता का अधिकार हर एक भारतीय को बोलने की स्वतंत्रता का अधिकार प्रदान करता। हर भारतीय को संविधान द्वारा अभिव्यक्ति की आज़ादी का अधिकार प्राप्त है।
राइट फॉर फ्रीडम ऑफ़ रिलिजन
राइट फॉर फ्रीडम ऑफ़ रिलिजन या धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार हर एक भारतीय के पास है। कोई भी व्यक्ति आपको किसी का धर्म मानने के लिए बाध्य नहीं कर सकता।
राइट टू इक्वलिटी


राइट टू इक्वलिटी या समानता का अधिकार आपको समान नागरिक, समान अधिकार होने की बात कहता है। संविधान की दृष्टि में सभी नागरिक एक समान है।
राइट अगेंस्ट एक्सप्लोइटेशन
राइट अगेंस्ट एक्सप्लोइटेशन या शोषण के विरुद्ध अधिकार आपको संविधान द्वारा प्राप्त वो अधिकार है जिसके द्वारा कोई भी व्यक्ति आपका शारीरिक या मानसिक शोषण नहीं कर सकता।
राइट तो कांस्टीटूशनल रेमेडीज
राइट तो कांस्टीटूशनल रेमेडीज या संवैधानिक उपचारों का अधिकार आपको संविधान द्वारा मौजूद रेमेडीज़ को दूर करने का अधिकार देता है।
कल्चरल एंड एजुकेशनल राइट्स
कल्चरल एंड एजुकेशनल राइट्स या संस्कृति एवं शिक्षा संबंधी अधिकार आपको शिक्षा और अपनी सांस्कृतिक विरासत को जानने तथा बढ़ाने का अधिकार देता है।
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नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। अपने आप पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत प्रमाणित ट्रेनर या अन्य पेशेवर से परामर्श कर सलाह लीजिये

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