Wednesday 21 March 2018

खंडित मूर्तियों का क्या करना चाहिए

हिन्दू धर्म में लोग अकसर कोई मूर्ति या तस्वीर के खंडित हो जाने के कारण उसे अपनी पूजा से हटा देते हैं। और उस खंडित मूर्ति या तस्वीर को किसी पेड़ के निचे या सड़क किनारे रख जाते हैं। पर क्या ऐसा करना सही होता है या नहीं? आज हम आपको इसी की बारे में बताने जा रहे है। तो आइये शुरू करते हैं।
जब कभी भी कोई मूर्ति या तस्वीर खंडित हो जाती है तब आप उसे किसी पेड़ के निचे या सड़क के किनारे रख देते हैं। पर इससे आपकी जिम्मेदारी पूरी नहीं हो जाती! क्या ऐसा करने से ऐसी मूर्तियों, प्रतिमाओं या तस्वीरों का निरादर नहीं होता। इसलिए आज हम आपको इसका सबसे अच्छा तरीका बताने जा रहे हैं।


हिन्दू धर्म में पीपल के वृक्ष को बड़ा ही पवित्र माना जाता है। जब कभी भी आपके घर में कोई प्रतिमा खंडित हो जाए, या पूजा घर से निकलने वाली जलावन तथा राख इत्यादि को पीपल के पेड़ के निचे दबा देना चाहिए। इससे उसका अपमान या निरादर भी नहीं होगा। साथ ही आप का दायित्व भी पूरा हो जाएगा।
अगर ऐसा करना संभव ना हो तो आप उसे अग्नि में समर्पित कर के उसकी राख को पेड़ की जड़ में डाल दें। कुछ लोग मूर्तियों को नदी में सर्वा भी देते हैं। अगर मूर्ति मिटटी की है तब तो ये सही है। लेकिन अगर ये मूर्ति या प्रतिमा जल में नहीं घुल सकती तो ये नदी को प्रदूषित तो करेगी ही साथ ही उसकी पारिस्थिकी को भी प्रभावित करेगी। इसलिए ऐसा करना कहीं से भी उचित नहीं होता है। 
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नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। अपने आप पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत प्रमाणित ट्रेनर या अन्य पेशेवर से परामर्श कर सलाह लीजिये

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