इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 13 फरवरी को मनाया जाएगा। इसी दिन भगवान् शिव ने इस सृष्टि को बचाने के लिए हलाहल विष का पान किया था। ऐसी मान्यता है की इस दिन माता पार्वती का विवाह भगवान् शिव के साथ हुआ था। वैसे तो हर माह में शिवरात्रि मनाई जाती है। परन्तु साल में दो बार आने वाली शिवरात्रि जो की फाल्गुन और श्रवण मास में होती हैं उनका अधिक महत्त्व हैं।
इस महाशिवरात्रि पर 51 साल बाद एक महासंयोग बन रहा है। इस दिन आप नित्य कर्म करने के उपरान्त किसी भी शिव मंदिर में जाएँ। अब आप एक लोटे में जल लें इसमें थोड़ा सा कच्चा दूध और गंगा जल भी मिला लें। अब इसे आप भगवान् के शिवलिंग पर चढ़ा दें। इसके अलावा आप बेलपत्र, धतूरा, फूल तथा राख चढ़ाएं। इसके अलावा आप बेर अवश्य चढ़ाएं।
अगर आपका इतना कुछ करने का सामर्थ नहीं है तो आप सिर्फ एक लोटा जल लेकर भगवान् के शिवलिंग पर चढ़ा कर हाथ जोड़ लें और अपना मनचाहा इच्छित वर मांग लें। भगवान् शिव आपकी मनोकामना पूर्ण करेंगे।
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नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। अपने आप पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत प्रमाणित ट्रेनर या अन्य पेशेवर से परामर्श कर सलाह लीजिये।
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