महाशिवरात्रि का महा पर्व हिन्दुओ के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। ऐसी मान्यता है की इस महापर्व पर ही भगवान् शिव की शादी हुई थी। तथा इस दिन ही उन्होंने हलाहल विष का पान किया था। आज हम आपको भारत के समस्त 12 ज्योतिर्लिंगों के बारें में। तो आइये जानते हैं इन सभी ज्योतिर्लिंगों को।
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग
ये ज्योतिर्लिंग वैद्यनाथ धाम में स्थित है। ऐसी मान्यता है की यहीं पर भगवान् ने रावण के कटे हुए सिर का इलाज़ किया था।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
इस धरा पर प्रकट होने वाला सबसे पहला ज्योतिर्लिंग इसको माना गया है। ये गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित है। ऐसे मान्यता है की इसका निर्माण स्वयं चंद्रदेव ने कराया था।
मल्लिका ज्योतिर्लिंग
ऐसी मान्यता है की इस ज्योतिर्लिंग का निर्माण स्वयं भगवान शिव ने अपने बेटे कार्तिकेय को प्रसन्न करने के लिए किया था।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग
ये ज्योतिर्लिंग उज्जैन में स्थित है। ऐसी मान्यता है की ये दुनिया का इकलौता ज्योतिर्लिंग है, जहाँ पर शिवलिंग दक्षिण दिशा में है।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग
इस ज्योतिर्लिंग के ऐसी मान्यता है की ये एक स्वयं भू शिवलिंग है। कहा जाता है की यहाँ पर नर और नारायण दोनों ने ही शिव की आराधना की थी।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
ये ज्योतिर्लिंग खंडवा जिले में है। इसे भी एक स्वयं भू शिवलिंग माना जाता है। इस शिवलिंग के चारो तरफ से पानी भरा रहता है।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग
ऐसी मान्यता है की इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना स्वयं श्री राम ने की थी। इसलिए इसका नाम भी उसी के नाम पर है।
त्रयम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग
ये ज्योतिर्लिंग ऐसा है जिसमे भगवान् शिव, ब्रह्मा और भगवान् विष्णु तीनो की ही पूजा होती है। यहाँ पर भगवान् शिव की आराधना करने का विशेष महत्त्व है।
घृणेश्वर ज्योतिर्लिंग
ऐसी मान्यता है की इस ज्योतिर्लिंग पर अगर कोई व्यक्ति सच्चे मन से इस जलाभिषेक करता है तो उसकी सारी मनोकामना पूरी होती हैं।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग पर भगवान् शिव की पद्मासन में प्रतिमा विद्यमान है। इसके दर्शन मात्र से व्यक्ति के समस्त दुखों का निवारण होता है।
काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग
ऐसी मान्यता है की भगवान् शिव की शादी के बाद माता पार्वती के अनुरोध पर भगवान् शिव भी उनके साथ काशी आकर रहने लगे थे।
भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग
ऐसी मान्यता है की इस ज्योतिर्लिंग की मोटाई बहुत ही ज्यादा है। अत्यधिक मोटा होने के कारण इसे मोटेश्वर महादेव भी कहा जाता है।
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नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। अपने आप पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत प्रमाणित ट्रेनर या अन्य पेशेवर से परामर्श कर सलाह लीजिये।
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