जैसा की सभी जानते
हैं की अभी पितृ पक्ष (श्राद्ध पक्ष) चल रहे हैं। ऐसे में ध्यान रखना चाहिए की भूलकर
भी हम ये गलतियां न करें जिसके कारण पितृ हमसे नाराज हो जाएँ और हमे जाने अनजाने समस्याओं
का सामना करना पड़े।
श्राद्ध पक्ष में पितरों
या पूर्वजों के लिए तर्पण और पिंड दान किया जाता है। इस दौरान शास्त्रों द्वारा कुछ
नियम बताएं गयें है जिनका हमे पालन करना चाहिए। ऐसा करने से हमारे पितृ हमसे खुश रहते
है और हमपर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखते हैं। तो आइये जानते है श्राद्ध पक्ष के नियम।
पितृ पक्ष में मसूर,
चना, काली उरद, सरसो, काला नमक, लहसुन, प्याज आदि के सेवन से परहेज़ करना चाहिए।
पितृ पक्ष में अगर
कोई भिखारी या याचक आपके द्वार आये तो उसे खाली हाथ न भेजे।
श्राद्ध पक्ष में बॉडी
मसाज या तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
श्राद्ध के दौरान बाल
कटवाने, नाख़ून कटवाने या दाढ़ी बनवाने से परहेज़ करना चाहिए।
श्राद्ध में किसी ब्राह्मण
को भोजन अवश्य कराएं।
पितृ पक्ष का कार्य
करने का उत्तम समय सुबह का होता है, सूर्यास्त के बाद के समय श्राद्ध
सम्बन्धी कार्य
न करें।
किसी दूसरे व्यक्ति
के घर पर श्राद्ध नहीं करना चाहिए। ये कार्य किसी मंदिर या तीर्थ आदि जगहों पर ही करना
चाहिए।
पितृ पक्ष में हमे
अपनी साथी के साथ समागम नहीं करना चाहिए।
इस दौरान पान का सेवन
भी नहीं करना चाहिए।
श्राद्ध में अपने मान
बहनो-बेटियों को सपरिवार भोजन के लिए बुलाना चाहिए।
जो पितृ किसी शास्त्र
द्वारा मारे गए हैं, उनका श्राद्ध मुख्य तिथि के अलावा चतुर्दशी को भी करना चाहिए।
पितृ पक्ष में केवल
गाये का दूध, दही, घी का ही सेवन करें।
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मिलती रहे।
नोट: उपरोक्त सिफारिशों
और
सुझाव
प्रकृति
में
सामान्य
हैं।
अपने
आप
पर
प्रयोग
करने
से
पहले
एक
पंजीकृत
प्रमाणित
ट्रेनर
या
अन्य
पेशेवर
से
परामर्श
कर
सलाह
लीजिये।
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