Sunday 3 September 2017

अब साहित्यिक रचनाओं से जानी जाएगी ट्रेने


हम में से ज्यादातर लोग ट्रेनों में सफर तो करते ही रहते हैं। ज्यादातर ट्रेनों के नाम उनके प्रस्थान या समाप्ति वाले स्टेशनो के नाम से जाने जाते हैं। अब आप आगे से जब भी ट्रेनों के रिजर्वेशन कराने जाएं तो उसका नाम ठीक से पता कर लें क्यूंकि बहुत ही जल्द आपकी ट्रेनों के नाम बदलने वाले हैं।



यूँ तो पहले भी कई बार ट्रेनों के नामों में फेर बदल की जा चुकी है। जैसे कि हिन्दू महासभा के प्रेसिडेंट के पेन नाम पे महामना एक्सप्रेस का नाम रखा गया। मराठी कवि कृष्ण जी केशव दामले की कविता तुतारी का नाम पे दादर सावंतवाड़ी एक्सप्रेस का नाम तुतारी  एक्सप्रेस रखा गया है।  मुंशी प्रेम चंद्र के उपन्यास गोदाम के नाम पे गोदाम एक्सप्रेस का नाम रखा गया है।

लेकिन इस बार इंडियन रेलवे में साहित्य की झलक देखने को मिल सकती है। रेल मंत्रालय इस बारे में विचार कर रहा है की ट्रेनों के नाम मशहूर साहित्कारों की रचनाओं के नाम पे रखा जाये। वेस्ट बंगाल जाने वाली ट्रैन को जल्द ही महाश्वेता देवी की रचनाओं के नाम से जाना जायेगा। इसी प्रकार बिहार जाने वाली ट्रैन के नाम रामधारी सिंह दिनकर की रचनाओं पे आधारित होंगी।

इस कार्य के लिए रेलवे मिनिस्ट्री अवार्ड जीतने वाले साहित्कारों के नाम जुटाए जा रहे है। साहित्य अकादमी अवार्ड से नवाजे जा चुके साहित्कारों की लिस्ट तैयार की जा चुकी है। इस प्रकार से ट्रेनों के नाम बदलने का उदेश्य लोगो को इस बात की जानकारी देना है की कौन सा साहित्कार किस क्षेत्र से सम्बंधित है। 

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नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं। अपने आप पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत प्रमाणित ट्रेनर या अन्य पेशेवर से परामर्श करने की सलाह लीजिये

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