हमे अपनी जिंदगी में
कहीं न कहीं ऐसे लोग जरूर मिलते हैं जो सामने वाले व्यक्ति के अपमान करने का कोई मौका
नहीं छोड़ते। अगर कभी कोई ऐसा आपके साथ भी करें तो आप क्या कर सकते हैं? हम आज आप को
ये ही बताने जा रहे हैं।
अगर कोई व्यक्ति आपका
अपमान करे तो सबसे पहले तो हो सके तो उस व्यक्ति को समझा दें की आप को उसका व्यव्हार
नहीं पसंद और वो आइंदा से ऐसा न करे। अगर वो पुनः ऐसा करे तो उससे अवॉयड करें। अगर
वो व्यक्ति फिर भी न माने तो उसके लिए सजा का निर्धारण कर लें।
हम आप को एक कहानी
बताते हैं। हम में से ज्यादातर लोगों ने महाभारत की कहानी तो पढ़ी ही है, जैसा की सब
जानते हैं की भगवन श्री कृष्ण और शिशुपाल में कभी भी नहीं बनी। शिशुपाल श्री कृष्ण
की बुआ का पुत्र था। श्री कृष्ण ने अपनी बुआ को ये वचन दिया था की वो शिशुपाल की 100
गलतियों को शमा करेंगे। परतु 100 गलतियों के बाद वो उसे दंड भी देंगे। और हुआ भी ऐसा
जब शिशुपाल ने श्री कृष्ण के द्वारा समझने के बाद भी उनको 100 से अधिक बार अपमानित
किया तो उन्होंने अपने सुदर्शन चक्र से उसका वध कर दिया।
इस प्रसंग से हमे ये
सीख मिलती है की जब भी कोई आपका अपमान करे तो पहले तो आप उसे समझने की कोशिश करें की
वो ऐसा न करे। अगर सामने वाला व्यक्ति फिर भी न माने तो फिर उसे इग्नोर करे और उस पर
प्रतिक्रिया न दें। अगर फिर भी सामने वाला व्यक्ति अपनी सीमा का उल्लंघन कर आप को अपमानित
करे तो उसके लिए दंड का निर्धारण करें।
आप क़ानून हाथ में न लेकर, उस व्यक्ति की शिकायत
पुलिस में या राज्य आयोग में कर सकते है। बड़े मामलों में व्यक्ति मान हानि का मुकदमा
भी कर सकता है।
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लगा हो तो कृपया मुझे फॉलो करें ताकि आपको इसी प्रकार के लेख और खबरें तथा जानकारी
मिलती रहे।
नोट: उपरोक्त सिफारिशों
और
सुझाव
प्रकृति
में
सामान्य
हैं।
अपने
आप
पर
प्रयोग
करने
से
पहले
एक
पंजीकृत
प्रमाणित
ट्रेनर
या
अन्य
पेशेवर
से
परामर्श
करने
की
सलाह
लीजिये।
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