Saturday 8 July 2017

जानिए कैसे हमारी वेब दुनिया में अश्लीलता बढ़ रही है?


भारत में अश्लील उद्योग अब हमारी वेब दुनिया में बहुत उच्च स्तर पर जा पहुंचा है। यह अश्लील उद्योग अब इंटरनेट और नवीनतम तकनीकों के कार्यान्वयन का उपयोग करके लगातार बढ़ रहा है। विशेषज्ञों ने कहा है की, यह युवाओं के लिए एक खतरनाक स्थिति है क्योंकि उद्योग के साथ जुड़े लोग उच्च लाभ हासिल करने के लिए इन आधुनिक तकनीकों के आधार पर लगातार अपना रहे हैं।



दलाल  या बिचौलिया अब इस वर्चुअल वेब दुनिया में अश्लील सेवाएं दे रहे हैं जिसमें स्काइपे कॉल, कई सॉफ्टवेयर या ऐप का उपयोग करके, ऑडियो-वीडियो कॉल्स, लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग आदि शामिल हैं। हमारी वेब दुनिया में उपलब्ध वेबसाइटों की बहुत बड़ी संख्या है, जो इन उपभोक्ताओं के लिए प्रति व्यक्ति उपयोग की जाने वाली योजनाओं पर अश्लील सेवाएं प्रदान करती हैं, जो इन ऑनलाइन सेवाओं में से किसी एक का लाभ लेना चाहते हैं। ये योजना 200 रूपए से 2000 रूपए के बीच शुरू होती है या कभी-कभी उस से कहीं अधिक होती है। अश्लील उद्योग के इस नए युग में, गरीब परिवार की पृष्ठभूमि से आने वाली लड़कियां इन दलालों के काफी आसान शिकार होते हैं| समृद्ध परिवार की पृष्ठभूमि की लड़कियां भी इसमें शामिल पायी गयी हैं उनमें से कुछ कुछ तो इसमें सिर्फ अपने शॉक या एडवेंचर के लिए आती है, पर उन्हें बाद में अहसास होता है की उन्होंने कितनी बड़ी गलती कर दी है।

भुगतान की विधियां भी ऑनलाइन बन गई हैं किसी भी प्रकार की सेवाओं की मांग करने वाले लोग (ग्राहक) को किसी भी -वॉलेट या डिजिटल पर्स का उपयोग करके ऑनलाइन पेमेंट ले ले लेते हैं साइबर विशेषज्ञों के अनुसार ऑनलाइन भुगतान इस उद्योग के लिए एक वरदान बनते जा रहे हैं। कभी-कभी लड़की की वीडियो स्ट्रीमिंग इन दलालों द्वारा रिकॉर्ड कर के उन लड़कियों का शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता है | इसी के आधार पर उन्हें ब्लैकमेल किया किया जाता है


ग्राहक के लिए ऑनलाइन भुगतान विधियां बहुत सुरक्षित और आकर्षक हैं जिसके कारण उनकी पहचान  प्रकट होने की संभावना काफी दुर्लभ है। यद्यपि इस वेब दुनिया में किसी भी प्रकार की ऑनलाइन अश्लील सेवा में शामिल होना या उपलब्ध करना सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 67-बी के तहत एक अपराध है। दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा या 10 लाख के जुर्माने या दोनों का भी प्रावधान है| हमारी सरकार को सख्त कदम उठाने की आवशयकता है ताकि आने वाली पीढ़ी को इस गंदगी से बचाया जा सके।

नोट: उपरोक्त सिफारिशों और सुझाव प्रकृति में सामान्य हैं । अपने आप पर प्रयोग करने से पहले एक पंजीकृत प्रमाणित ट्रेनर या अन्य पेशेवर से परामर्श करे |

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